लोकसभा में सीटिंग व्यवस्था पर क्यों मची है रार? सपा, कांग्रेस लेकर NDA के सहयोगी भी नाराज

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा को बने लगभग छह महीने पूरे हो चुके हैं। संसद का तीसरा सत्र चल रहा है, लेकिन अभी तक लोकसभा में सांसदों के बैठने की सीटों को लेकर रार चल रही है। हालांकि हाल ही में लोकसभा सचिवालय की ओर से सांसदों के बैठने की व्यवस्था की तस्व

4 1 18
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा को बने लगभग छह महीने पूरे हो चुके हैं। संसद का तीसरा सत्र चल रहा है, लेकिन अभी तक लोकसभा में सांसदों के बैठने की सीटों को लेकर रार चल रही है। हालांकि हाल ही में लोकसभा सचिवालय की ओर से सांसदों के बैठने की व्यवस्था की तस्वीर अलॉट हुई है। इसे लेकर भी हाल ही खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। जहां एक ओर विपक्षी खेमे में एसपी सांसद अपने बैठने की जगह से संतुष्ट नहीं हैं, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ गढ़बंधन में शामिल एक घटक दल ने भी हाल ही में बैठने की व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी दर्ज की है।

NDA में टीडीपी भी नाखुश

दरअसल, जहां एक ओर I.N.D.I.A. गठबंधन के सांसद अपनी सीट बदलने से नाखुश हैं, वहीं दूसरी ओर टीडीपी के सदस्य भी अपनी सीट बदलने से दुखी दिखे। सबसे पहले टीडीपी सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी ने सदन में इस बात पर आपत्ति जताई कि वह पिछली लोकसभा में दूसरी लाइन में बैठते थे, लेकिन पांचवीं बार के सांसद को अब दूसरी से पांचवीं लाइन में भेज दिया गया। तमाम सदस्यों में सिर्फ लाइनों को लेकर ही नाराजगी नहीं है, बल्कि ब्लॉक को लेकर भी नाराजगी है।
राजनीतिक गुमनामी की ओर बढ़ रहे शरद! महाराष्ट्र में कैसे मुंह की खा गए मराठा छत्रप
हालांकि लोकसभा सचिवालय के पूर्व अधिकारी की कहना था कि सदन में सीटों का अलॉटमेंट पार्टी की सीटों, सदस्य के राजनीतिक और संसदीय अनुभव व वरिष्ठता को लेकर भी तय होता है। अगर कम सीटों वाली पार्टी का कोई सदस्य संसदीय और राजनीतिक तौर पर काफी अनुभवी है तो उसके लिए सीटें तय करने का आधार अलग होगा।
MSP पर सवाल... जयराम रमेश को बीच में टोक धनखड़ ने शिवराज चौहान को बताया किसानों का लाडला

अखिलेश समेत इंडिया के घटक नाखुश

वहीं, अखिलेश यादव सहित I.N.D.I.A. गठबंधन के कई घटक दल के सांसद नई व्यवस्था से दुखी हैं। दरअसल, 18वीं लोकसभा में एसपी के अखिलेश यादव अयोध्या के अपने सांसद अवधेश प्रसाद के साथ आठवें ब्लॉक की पहली पंक्ति में बैठते थे, लेकिन अब एसपी नेता को सातवें ब्लॉक में भेजा गया है। दरअसल, लोकसभा में स्पीकर की सीट के दोनों तरफ पहले और आखिरी यानी आठवें ब्लॉक को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

शाह-योगी, नीतीश-शाह, मोदी-नायडू.. इन तस्वीरों से एनडीए ने दिखा दिया वो इंडिया गठबंधन से कैसे आगे
यहां पहले ब्लॉक में पीएम और सीनियर मंत्री बैठते हैं तो वहीं आठवें ब्लॉक की पहली लाइन में सदन के उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्षी दलों के सीनियर सदस्य बैठते हैं। इसी ब्लॉक में पहले कांग्रेस, एसपी और डीएमके के नेता बैठते थे। आठवां ब्लॉक इसलिए अहम माना जाता है कि सदन के उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष इस ब्लॉक में बैठते हैं, इसलिए कैमरे की जद में पीएम ब्लॉक के बाद सबसे ज्यादा जद में रहता है।

वादे से मुकर गई सरकार

कांग्रेस नेता, जो स्पष्ट रूप से सहयोगी सपा के साथ संबंधों को सुधारने के लिए उत्सुक थे, सपा के तर्क को आगे बढ़ाने के लिए संसदीय कार्य मंत्री के पास भी गए। कांग्रेस ने दावा किया कि सरकार इंडिया ब्लॉक (टीएमसी को छोड़कर) को अग्रिम पंक्ति की सात सीटें आवंटित करने के अपने पहले के वादे से मुकर गई है।
राज्यसभा में कांग्रेस की सीट नंबर 222 पर नोटों का बंडल..BJP बोली-सदन की गरिमा पर चोट
सपा खेमा कथित तौर पर यादव के ब्लॉक 3 में शिफ्ट होने और पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद को दूसरी पहली पंक्ति की सीट न दिए जाने से परेशान है। कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी के प्रत्येक 28 सदस्यों के लिए एक सीट आवंटित करने के "सरकार के साथ पहले के समझौते' के तहत, कांग्रेस को 'एलओपी (गांधी) की एक अगली पंक्ति की सीट और पार्टी नेताओं के लिए तीन और अगली पंक्ति की सीटें' मिलनी थीं, जिनमें से दो सपा के लिए और एक डीएमके के लिए थी।
ना अधिकारी बचेंगे ना ठेकेदार... ब्लैकलिस्ट होगी कंपनी, संसद में गडकरी ने क्यों दी चेतावनी

जगह बदलने से दिखी नाराजगी

नई व्यवस्था के बाद अब डीएमके नेता टीआर बालू को छोड़कर एसपी नेता को यहां से हटाकर सातवें ब्लॉक में भेज दिया गया। जबकि एनसीपी-एससीपी की सुप्रिया सुले से लेकर डीएमके की कनिमोई, दयानिधि मारन जैसे नेता भी आठवें ब्लॉक में दूसरी और तीसरी लाइन में बैठते थे, लेकिन अब जगह बदल दी गई है। इसे लेकर इनमें भी थोड़ी नाराजगी देखी जा रही है। I.N.D.I.A. गठबंधन के कुछ दलों की नाराजगी कांग्रेस के साथ भी है।

कैसे तय होती है सदन में सीटिंग व्यवस्था

इस पूरे विवाद पर कांग्रेस के एक अहम सूत्र का कहना था कि हर 28 सदस्यों पर पहली लाइन में जगह मिलती है। सदस्यों की तादाद के आधार पर विपक्षी खेमे को कुल सात सीटें दी गई थीं, जिसमें टीएमसी को शामिल नहीं किया गया था। सूत्र ने गणित समझाते हुए कहा कि इनमें से एक सीट नेता प्रतिपक्ष को, कांग्रेस को तीन, एसपी को दो और डीएमके को एक सीट दी गई। बाद में सरकार ने इस फॉर्म्युले में बदलाव करते हुए एसपी की एक सीट घटा दी, जिसे लेकर कांग्रेस और एसपी दोनों ने ही संसदीय कार्य मंत्री के सामने अपना विरोध जाहिर किया था।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Manmohan Singh: …जब दंगा पीड़ितों का दर्द बांटने गांव पहुंच गए थे मनमोहन सिंह, दिया था बड़ा बयान

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, मुजफ्फरनगर। यह बात वर्ष 2013 की है, सितंबर का महीना था और जिले में सांप्रदायिक दंगे की आग भड़क चुकी थी। कई गांव में घटनाएं हुई थी और अनेक लोगों की जान चली गई थी, उसी दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now